शास्त्रों में छिपा शाश्वत ज्ञान — अब सबके सामने है।
‘ज्ञान गंगा’ सतगुरु रामपाल जी महाराज के प्रवचनों का संकलन है, जो सभी धर्मग्रंथों के प्रमाणों के साथ यथार्थ भक्ति का मार्ग दिखाती है।
जैसा कि कबीर साहेब ने कहा है:
“वेद कतेब झूठे ना भाई, झूठे हैं सो समझे नांही।”
यह पुस्तक पूर्ण परमात्मा की पहचान, सतलोक का वर्णन और सृष्टि रचना के रहस्यों को सरल भाषा में उजागर करती है।
यह बताती है कि जीव काल के जाल में कैसे फँसा और सच्ची भक्ति से मुक्ति कैसे पाई जा सकती है।
अब पढ़िए उन पाठकों के अनुभव,
जिनका जीवन ‘ज्ञान गंगा’ पढ़कर बदल गया।
‘ज्ञान गंगा’ आत्म-सुधार और आध्यात्मिक जागृति का सशक्त माध्यम है —
आइए, इस दिव्य ज्ञान से अपने जीवन को दिशा दें।